sole proprietorship क्या है ? कैसे apply करे ?
sole proprietorship यह एक बिज़नेस करने के लिए जो विक्लप होते है। उसे कहा जाता है। इसके तहत व्यावसाहिक / बिज़नेस /उद्योग पर जिसकी एक व्यक्ति की पकड़ होती है। उस बिज़नेस को sole proprietorship कहा जाता है। इसके तहत हर एक निर्णय लेने का अधिकार एक व्यक्ति को होता है। बिज़नेस में कितना प्रॉफिट हुवा या कितना घाटा हुवा इसका परिणाम अकेला व्यक्ति को ही उठाना होता है। इसपे होने वाले परिणाम एक व्यक्ति को ही लेना पड़ता है। इसमें बिज़नेस को स्टार्ट करने के लिए जो कुछ जमा पूंजी लगाती है वह अकेले इंसान को ही करनी पड़ती है। वह इसके लिए अपनी जमा पूंजी ले सकता है या लोन ले सकता है।
इस प्रकार के बिज़नेस में बहुत से फायदे और नुकसान भी होते है। इसका परिणाम किस तरह से अकेले इंसान को होता है। यह जानते है।
Advantage of sole proprietorship एक स्वामित्व बुसिनेस के फायदे
घनिष्ट संबद्ध प्रस्थापित
इस प्रकारकी बिज़नेस में मालिक के अपने कर्मचारी से निकट संबध होने के कारन कर्मचारीकेँ प्रॉब्लम मालिक को पता चलते है। और इसके लिए वह मदत कर सकता है। और उसके साथ अपने ग्राहक के साथ डायरेक्ट संबध होने के कारन वह अपने सेवा और सर्विस में बदलाव कर सकता है। जैसे ग्राहक को आवश्यक है। उस प्रकार वह बदलाव करा सकता है।
व्यापार पर नियंत्रण
व्यापार में एक व्यक्ति मुख्य होने के कारन इसमें जो कुछ भी निर्णय लिया जाता है ,वह एक व्यक्ति ही लेता है। इस कारन व्यापार में एक ही व्यक्ति हर निर्णय लेने में काफी होता है। इस कारन उसका हर निर्णय वह खुद ले सकता है। इस कारन उसपे पूरा कंट्रोल होता है।
व्यापार में गोपनीयता
इस बिज़नेस में एक व्यक्ति मुख्य रहने के कारन वह अपने व्यापार में गोपनीयता रख सकता है। कोई अगर निर्णय लेना है , जैसे कुछ निर्णय गोपनीय रखने होते है तो यैसे में निर्णय लेने वाला ही एक व्यक्ति होने के कारन हर चीज की गोपनीयता राखी जाती है। उसे कोई दूसरा नहीं खोल सकता है।
शीघ्र और उचित निर्णय
sole proprietorship में जो कुछ निर्णय लेने का अधिकार एक ही व्यक्ति को है इस कारन सभी निर्णय जल्द लिए जाते है। और उसको कारवाही भी जल्द की जाती है। इसके लिए किसीका इंतजार किया नहीं जाता है। एक निर्णय क्षमता जल्द ली जाती है। जो कुछ निर्णय लिया जाता है वह उचित होता है। इस कारन इस में शीघ और उचित लिया जाता है।
लाभ से प्रेरित
इसमें एक व्यक्ति होने के कारन बिज़नेस में जो कुछ फायदा होता है। इसके लिए कर्मचारीको प्रेरित किया जाता है। इस के लिए उचित प्राक्षिण दिया जाता है। उचित कामकाज में बदल किया जाता है। वह अपने सहकारियों को प्रेरित करता है।
एक स्वामित्व / sole proprietorship की विशेषताएं
वैसे तो एक स्वामित्व में कुछ विशेष्ताएं भी है। जिसका परिणाम व्यापर में अच्छा और कुछ बुरा सभीत होता है। आज जिस प्रकार इसके कुछ परिणाम हम जानने वाले है।
एक व्यक्ति का नियत्रंण
sole proprietorship में यह एक विशेषता है। जिसका परिणाम व्यापर में होता है। इसमें एक ही व्यक्ति का नियत्रण सभी पर होता है। इस कारन एक व्यक्ति जो अंतिम निर्णय लेगा वही मान्य होता है। सभी कर्मचारियों को उसका निर्णय मान्य करना होता है। बिज़नेस में सभी निर्णय वही लेता है।
लाभ में कोई भागीदारी नहीं
sole proprietorship सभी एक व्यक्ति के हाथ में रहता है। इस कारन बिज़नेस या व्यापार में जो कुछ लाभ होता है। उसका कोई भागीदार नहीं होता। इस कारन पुरी लाभ का भागीदार एक ही व्यक्ति रहता है। बिज़नेस में जो कुछ फायदा होता है उसका मालिक एक ही व्यक्ति होता है।
असिमित देनदार
sole proprietorship जो व्यक्ति होता है वह बिज़नेस के लिए पैसे की पूंजी वह हर तरह से करता है। कभी वह अपने पास की जमापूंजी खर्च करता है। या तो वह अपने रिश्तेदार से लोन लेता है या वह बैंक , संस्था इनसे लोन लेता है। इस कारन बिज़नेस के लिए वह असीमित देनदार रह सकते है। और उसे चुकाने वाला वह अकेला व्यक्ति होता है।
एक व्यक्ति की जमापूंजी
इसमे शुरू करने वाला एक ही व्यक्ति होता है। इस कारन एक व्यक्ति जमापूंजी होती है। इसके लिए वह लोन लेता है। या अपने पास की जमापूंजी लगा सकता है। इस कारन इसमें एक व्यक्ति की जमापूंजी लगी होती है।
अकेला राजा व्यापार का
व्यापर का पूरा अधिकार एक ही व्यक्ति के पास होने के कारन बिज़नेस शुरू और बंद करने का पूरा अधिकार एक व्यक्ति के पास होता है। इस कारन पुरे बिज़नेस पर अकेले का राज होता है। वह जब चाहे कोई भी निर्णय ले सकता है।
sole proprietorship कैसे अप्लाई करे ?
How to apply for sole proprietorship?
sole proprietorship के लिए पंजीकरण करने की प्रक्रिया बहुत सरल है। इसके लिए आपको किन किन दस्तावेज की जरुरत होगी इसको जानना बहुत जरुरी है। इसके लिए आपको निचे जानकारी पढ़नी होगी।
१) सबसे पहले अपने व्यवसाय का नाम चुनना जरुरी है। इसके लिए आपको अच्छा सा नाम चुनना होगा। जैसे ‘ हल्दीराम मिठाई वाला ‘ अच्छा सा नाम चुनना जरुरी है।
२) व्यवसाय के लिए आपको जगह का चयन करना होगा। जगह का चुनाव करने के लिए आपको आप जो प्रोडक्ट्स बनाने वाले है। उसे जल्दी ग्राहक तक पोहचए इसका ख्याल रखना होगा। प्रोडक्ट के लिए रॉ मटेरियल कहा जल्दी और सस्ता मिलता है उस मार्किट के पास जगह हो तो अच्छा है।
३ ) व्यवसाय में जो लेन देन होगी उसके लिए बैंक अकाउंट की जरुरत होगी। उसके लिए आपको करंट अकाउंट खुलवाना जरुरी होता है। वह किसी भी बैंक का होतो अच्छा है।